• Thu. Apr 10th, 2025

भावपूर्ण भक्ति से ही प्राप्त होती है भगवत् कृपा : डॉ पण्ड्या कुलाधिपति ने विद्यार्थियों के जिज्ञासाओं का किया समाधान

Byadmin

Sep 29, 2022

हरिद्वार ( जतिन शर्मा )

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भगवान श्रद्धा के भूखे होते हैं। भावपूर्ण भक्ति से ही भगवत् कृपा प्राप्त होती है। हमारी जीवन साधना भगवान द्वारा निर्धारित विधिसम्मत होनी चाहिए। तभी उनका संरक्षण एवं शक्ति प्राप्त होते हैं।
श्रद्धेय डॉ पण्ड्या देसंविवि के मृत्युंजय सभागार में आश्विन नवरात्र के अवसर पर आयोजित सत्संग शृंखला के तीसरे दिन साधकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवरात्र के अवसर पर शुद्ध मन एवं पवित्र भावना के साथ किये जाने वाला जप-तप साधक के मनोभाव को शुद्ध करता है। साधक की श्रद्धा भावपूर्ण एवं भावनाएँ पवित्र होनी चाहिए। गीता मर्मज्ञ श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस श्रद्धासिक्त भाव से माँ काली को भोजन कराया करते थे। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों की भावनाओं को परख कर ही अनुग्रह करते थे। जिनकी भावनाएँ जैसी होती है, भगवत्कृपा भी उसी अनुसार मिलती है। उन्होंने प्रहलाद, मीरा, धन्ना जाट, चण्ड कौशिक नाग आदि की प्रेरक कहानियों को साझा करते हुए कहा कि इन्होंने भगवान के साथ निच्छल भाव से भावपूर्ण होकर ईश्वर द्वारा बनाई गयी विधि के अनुसार आराधना की, परिणामस्वरूप भगवान इन्हें बचाने, रक्षा करने हेतु समय-समय पर आते रहे। उन्होंने कहा कि भगवान सदैव विद्यमान रहते हैं। जरूरत है पवित्र भावना एवं भावपूर्ण आराधना की।
इस अवसर पर देसंविवि के अभिभावक श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने नवरात्र साधना में जुटे विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया और उनके आध्यात्मिक विकास के लिए विविध सुझाव दिये। उल्लेखनीय है कि देसंविवि में शैक्षणिक विकास के साथ साथ उनमें आध्यात्मिकता का भी समावेश हो, इस हेतु समय समय पर विशेष पहल की जाती है।
इससे पूर्व युगगायकों ने ‘माँ तेरे चरणों में हम शीश झुकाते हैं..’’ गीत को सितार, बांसुरी आदि भारतीय वाद्ययंत्रों से प्रस्तुत कर उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं, देसंविवि व शांतिकुंज के अनेक कार्यकर्त्ताओं को उल्लसित किया। इस अवसर पर कुलपति श्री शरद पारधी, प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित समस्त विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर्स, विद्यार्थी, देश-विदेश से आये साधक उपस्थित रहे।

By admin