देहरादून ( जतिन शर्मा )
“उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के अंतर्गत ऋषिकेश में स्थित एम्स अस्पताल में गेट नंबर 3 के निकट सड़क पर ही दिए जा रहे हैं ब्लड सैंपल”
सूत्रों से जानकारी मिलते ही पता लगा की दो लोग गेट के निकट ही खड़े होकर एक महिला का ब्लड सैंपल ले रहे हैं जोकि किसी लैब में नहीं बल्कि एम्स अस्पताल गेट नंबर 3 के निकट सड़क पर लिया जा रहा है ।
चिकित्सा परामर्श के बाद ही किसी मरीज का ब्लड सैंपल लिया जाता है आवश्यकतानुसार जिसके लिए संबंधित मरीज को किसी लैब या डायग्नोस्टिक सेंटर में जाकर अपनी जांच करानी होती है ।
कभी-कभी जांच में गड़बड़ी भी आ सकती है कलेक्शन गलत होने के कारण या गलत तरीके से सैम्पल होने के कारण ।
ऐसे में आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ करने का जिम्मेदार कौन ।
क्या एम्स प्रशासन को जानकारी है या नहीं यह एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है ।
सैंपल लेने वाले अनुभवी हैं या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है ।
सैंपल लेने वाले यह कैसे जान लेते हैं की किस चिकित्सक ने किस मरीज को गेट नंबर 3 के निकट सैंपल देने भेजा है और वह समय निश्चित कर लेते हैं आखिर यह सब कैसे हो जाता है ।
क्या इसमें कोई एम्स के विभागीय कर्मचारी संलिप्त थे या कोई बड़ा प्रलोभन देकर आमजन के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है ।
“ब्लड सैंपल कलेक्शन में गड़बड़ी : सैंपल कलेक्शन में बरती गई लापरवाही”
ब्लड सैंपल कलेक्शन में गड़बड़ी के कारण कभी-कभी जांच रिपोर्ट गलत आ जाती है। कई बार देखा जाता है कि एक ही दिन रोगी एक तरह की जांच अलग – अलग लैब से होती है जिसकी जांच रिपोर्ट एक दूसरे से भिन्न होती है । इसका प्रमुख कारण सैंपल कलेक्शन में बरती गई लापरवाही होती है , तो कुछ मामलों में जांच के लिए प्रयोग रिज्लट में खराबी कारण बनती है । जिस कारण से रिपोर्ट अलग-अलग हो सकती है । मशीन में तकनीकी खराबी से भी गलत रिपोर्ट के मामले आते हैं ।
एक बार डॉक्टर से दिखाने के बाद अच्छी लैब से क्रॉस चेक जरूर करवाना चाहिए । जांच हमेशा अच्छी व विश्वसनीय लैब से ही कराएं ।
सैम्पल की जांच माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी व बायोकैमिस्ट्री लैब में होती ।
01 बार लिए गए सैंपल से कई तरह कई तरह की जांचें हो सकती हैं । रोगी को बार-बार इंजेक्शन से चुभन नहीं होती । 8 – 9 बजे के बीच या इससे पहले यानी सुबह के समय की गई जांचों से रोग की पुष्टि ज्यादा अच्छे से होती है ।
ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर के कई दूसरे अंगों के बारे में भी पता किया जा सकता है कि वे ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं या कोई दिक्कत है ।
जैसे किडनी, लीवर, हर्ट की जांच हो सकती है । इसके साथ ही कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों का भी समय रहते पता चल जाता है ।
हमारा शरीर ठीक तरीके से काम करता रहे इसके लिए जरूरी है कि हमारा ब्लड भी शुद्ध और साफ बना रहे । क्योंकि ब्लड ही हमारे शरीर को चलाने और ऊर्जा देने का मुख्य स्त्रोत है । अगर हम अपने शरीर को स्वस्थ रखते हुए एक शानदार जीवन जीना चाहते हैं तो हमें अपने शरीर के ब्लड और ब्लड प्रेशर दोनों का सही से ध्यान रखना होगा । खून की जांच समय – समय पर कराते रहना चाहिए ताकि उन बीमारियों के बारे में भी पता चल सके, जो शरीर पर भविष्य में हावी हो सकती हैं ।
शरीर में खून की कमी होना , ब्लड में किसी तरह का संक्रमण होना , ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा की जांच , रेड और वाइट ब्लड सेल्स की मात्रा , प्लेटलेट्स काउंट , प्लाजमा आदि की ठीक -ठीक उपस्थिति का पता ब्लड टेस्ट के जरिए ही चलता है । समय रहते अगर ब्लड के सभी कंपाउंड्स की बेहतरी पता चलती रहे तो फ्यूचर में किसी तरह की घातक बीमारी का अंदेशा काफी कम हो जाता है ।
ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर के कई दूसरे अंगों के बारे में भी पता किया जा सकता है कि वे ठीक प्रकार से काम कर रहे हैं या कोई दिक्कत है । जैसे किडनी , लीवर , हर्ट की जांच हो सकती है । साथ ही अनुवांशिक रूप से कोई बीमारी होने की आशंका तो आपको नहीं है इस बात का भी पता किया जा सकता है ।