देहरादून। मसूरी से करीब 30 किलोमीटर दूर जौनपुर जौनसार लखवाड़ बांध प्रभावित काश्ताकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले लखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावित करीब 32 गांवों के ग्रामीणों और काश्तकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय अधिकारियों और एलएनटी कंपनी के कर्मियों पर उनके अधिकारों की अनदेखी और शोषण का आरोप लगाया। प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय नेता मौजूद रहे।
प्रदर्शनकारी संयोजक मंडल के महिपाल सिंह सजवाण, जयपाल सिंह राणा और काश्तकारों व ग्रामीणों ने कहा कि परियोजना के तहत दो गांव पूरी तरह प्रभावित हैं, लेकिन अब तक कई लोगों को उनकी जमीन और खेती का मुआवजा नहीं मिला। अब तक कई लोगों को उनकी जमीन और खेती का उचित मुआवजा नहीं मिला।
स्थानीय लोगों के अनुसार परियोजना में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को मिलना था, लेकिन सिर्फ 4 प्रतिशत को ही रोजगार दिया गया। उन्होने कहा कि पूर्व में 12 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। इन मामलों में से एक कर्मचारी ने डिप्रेशन के कारण मौत भी हो गई।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एलएनटी कंपनी स्थानीय लोगों के अधिकारों का शोषण कर रही है और बड़ी कंपनियों को भारी राज्य से ठेका दे रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपनी 22 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की अपील की।उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
लखवाड़ बांध से प्रभावित दर्जनों गांवों के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना-प्रदर्शन
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