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40 वां अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन ( आपी ) का वार्षिक सम्मेलन

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Jun 28, 2022

भारतीय संस्कृति में शारीरिक सिस्टम को बेलेंस करने की शक्ति है : साध्वी भगवती सरस्वती

देहरादून ( जतिन शर्मा )

परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, भारत से डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन ( आपी ) के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में सहभाग कर उद्बोधन दिया । इस सम्मेलन में प्रथम बार आयोजित वेलनेस ट्रैक में साध्वी डॉ भगवती सरस्वती ने शरीर , मस्तिष्क और आत्मा के संबंध और उनकी भूमिका के विषय में अपने विचार व्यक्त किये । साध्वी ने कहा कि हमारे विचारों का हमारी फिजिकल इम्यूनिटी पर बहुत गहरा असर पड़ता है । इस अवसर पर प्रसिद्ध क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी उद्बोधन दिया ।
आपी के 40 वें वार्षिक सम्मेलन में पहली बार वेलनेस ट्रैक रखा गया था , जिसमें योग , स्पिरिचुअल वैलनेस ( शरीर , मस्तिष्क और आत्मा ) के विषयों पर चर्चा हुई ।

डाॅक्टर्स राष्ट्र के असली हीरो
डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सभी डाक्टर वास्तव में हीरो हैं । कोरोना के समय में डाक्टर्स ने देश और देशवासियों को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी । उस समय उन्होंने अपनी और अपने परिवार की परवाह किये बिना सभी की मदद की । भारत में तो डाक्टर्स को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है ।
साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि खास कर पश्चिमी देशों में मलेरिया , स्माल पाक्स , गंदे पानी के कारण उत्पन्न हुयी बीमारियां आदि से मौतें नहीं होती है बल्कि शारीरिक सिस्टम के बेलेंस न होने के कारण लोगों की मौतें अधिक होती है परन्तु भारत और भारतीय संस्कृति में शारीरिक सिस्टम को बैलेंस करने की शक्ति है । भारतीय संस्कृति में बताया गया है कि शरीर , हृदय और विचारों को बैलेंस करते हुए कैसे हम स्वस्थ रह सकते हैं । उन्होंने भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति यथा आयुर्वेद , नैचरोपैथी , योग , ध्यान , शाकाहार युक्त जीवन पद्धति , परिवार और समाज के साथ एक सुदृढ़ रिश्ता बनाये रखना आदि के महत्व पर विस्तृत प्रकाश डाला । भारतीय संस्कृति में सभी लोग समाज का एक प्रमुख अंग है , सभी एक विशिष्ट साामजिक व्यवस्था में रहते हैं । उन्होंने कहा कि जितनी बड़ा हमारा समुदाय होगा उतना ही उत्तम हमारा स्वास्थ्य होगा । जो लोग न्यूक्लियर ( एकल ) परिवार के रूप में रहते है वे अकेलेपन और तनाव के शिकार अधिक होते है इसलिये बैलेंस जीवन के लिये भारतीय जीवन पद्धति अधिक उपयुक्त है ।
साध्वी जी ने कहा कि डॉक्टर्स को सम्बोधित करते हुये कहा कि आपके पास दो खूबसूरत और अमूल्य उपहार हैं , टीचिंग एंड टच ( शिक्षाएं और स्पर्श ) जिन्हें आप अपने मरीजों के साथ साझा कर सकते हैं । डाक्टर्स के पास मेडिकल की शिक्षाएं हैं , अनुभव और विशेषज्ञता है , लेकिन उसके साथ ही एक सुंदर उपहार और भी है देने के लिए वह है ‘टच’ स्पर्श । डाक्टर्स के पास प्रेम और करुणा युक्त हृदय होता है जिससे बहुत कारगर उपचार सम्भव है । भारतीय डॉक्टर्स के रूप में आप सभी के पास वास्तव में 3 बहुमूल्य उपहार हैं – ( टीचिंग , टच एंड ट्रांसफाॅर्मेशन ) शिक्षाएं , स्पर्श और परिवर्तन जो भारतीय संस्कृति हमें देती है , जिसे मैंने 25 वर्ष पहले बहुत गहराई से इसका अनुभव किया है । इन 3 उपहारों को अपने सभी रोगियों के साथ साझा करते रहें ।
इस प्रतिष्ठित वार्षिक सम्मेलन को डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती ने तीसरी बार सम्बोधित किया । इस अवसर पर प्रसिद्ध क्रिकेटर सुनील गावस्कर , रॉन निरेनबर्ग, सैन एंटोनियो के मेयर, असीम आर. महाजन भारत के महावाणिज्य राजदूत , ह्यूस्टन , तरनजीत सिंह संधू अमेरिका में भारत के राजदूत , एएपीआई अध्यक्ष अनुपमा गोटीमुकुला , एमडी , जयेश शाह , एमडी अध्यक्ष और कई अन्य गणमान्य एवं प्रतिष्ठित हस्तियों ने सहभाग किया ।
1982 में स्थापित , (आपी) संयुक्त राज्य अमेरिका में 80,000 से अधिक प्रैक्टिस करने वाले भारतीय डॉक्टरों के समूह का प्रतिनिधित्व करता है । इसके अलावा , यह यूएसए में 40,000 से अधिक मेडिकल छात्रों , स्थानीय निवासियों और भारतीय मूल के लोगो के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है । सम्मेलन के आयोजकों और एएपीआई लीडर्स ने साध्वी भगवती सरस्वती जी को अंगवस्त्र और फूलों का गुलदस्ता देकर उनका अभिनंदन किया ।

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