देहरादून ( जतिन शर्मा ) । अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने एक बयान देते हुए कहा की योग नगरी ऋषिकेश के विकास के दृष्टिकोण से योग नगरी ऋषिकेश को जनपद बनाया जाना अति आवश्यक है ।
उत्तराखंड के जिला देहरादून के अंतर्गत ऋषिकेश से अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा द्वारा यह मांग पुनः उठाई जा रही है की ऋषिकेश योग नगरी को अलग से जनपद का दर्जा दिया जाए । डॉ राजे सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें ऋषिकेश , तपोवन , शिवपुरी , स्वर्गाश्रम , लक्ष्मण झूला अलग-अलग जिलों के अंग होने के कारण प्रशासनिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । जिससे कि नगर वासियों को पूर्ण सुविधाएं नहीं मिल रही है । आम नागरिक को 3 जनपदों के आदेशों का पालन करने पर विवश होना पड़ता है और बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है । जिसमें यातायात , चिकित्सा , सीवरेज की समस्याएं भौगोलिक सीमाओं का आंकलन भिन्न-भिन्न होने के कारण अपराध जैसी समस्याओं का अति शीघ्र निवारण करने के लिए योग नगरी ऋषिकेश को जनपद बनाया जाना अति आवश्यक है ।
डॉ नेगी ने बताया ऋषिकेश को जनपद बनाए जाने पर ना केवल आमजन को लाभ होगा बल्कि पर्यटन को योग नगरी का लाभ मिलेगा ।
बता दे वर्तमान में ऋषिकेश नगर निगम इकाई है परंतु जिला स्तर की सुविधाओं से वंचित रह जाता है ।
ऋषिकेश को जनपद बनाए जाने की मांग एक लंबे समय से चलती आ रही है । डॉ नेगी ने बताया आम जनमानस की सुविधाओं के लिए लंबी कवायद नहीं करनी पड़ेगी जिसके लिए जनपद बनाए जाना यह मांग के लिए ज्ञापन पहले भी मुख्यमंत्री को प्रेषित किए गए हैं । अब ऋषिकेश योग नगरी के विकास के लिए जनपद बनाए जाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है । डॉ नेगी ने बताया ऋषिकेश व आसपास के क्षेत्र में पर्यटन स्थल के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी हैं । जिन्हें एक प्रशासनिक ढांचे में बांधना अति आवश्यक है । डॉ नेगी ने कहा की यह मांग बहुत समय से की जा रही है । इसको लेकर बहुत बार धरना प्रदर्शन भी किया गए हैं परंतु अभी तक सरकार ने कोई साकार निर्णय नहीं लिया है । डॉ नेगी ने यह बयान जारी देते हुए कहा योग नगरी ऋषिकेश को जनपद बनाए जाने के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा प्रतिनिधिमंडल देहरादून जाकर मुख्यमंत्री से ज्ञापन देते हुए मांग करेंगें । अगर आवश्यकता हुई तो जन आंदोलन भी किया जाएगा ।