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ठंड का प्रकोपः बदरीनाथ में जम गए झरने और तालाब

Byadmin

Nov 14, 2025

चमोली। उत्तराखंड में अब कड़ाके की सर्दियां पड़ने लगी है। सर्दियों का सितम इस कदर है कि अभी से ही नदी नाले जमने लगे हैं। बदरीनाथ धाम में तो चट्टानों से बहता पानी भी जमने लगा है। जो बिल्कुल कांच की तरह अलग-अलग स्वरूप में नजर आ रहे हैं। साथ ही ठंड बढ़ने से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गई है।
पहाड़ों में अक्सर नवंबर महीने से धीरे-धीरे ठंड दस्तक देनी शुरू हो जाती है। अब नवंबर आधा निकल गया है, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बढ़नी शुरू हो गई है। लोगों ने अपने गर्म कपड़े निकालने शुरू कर दिए हैं। सुबह शाम तो कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिससे ग्रामीण इलाकों में लोग चूल्हे के पास जम गए हैं। खुद को गर्म रखने के लिए स्वेटर, जैकेट, टोपी, मफलर आदि ऊनी कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।
वहीं, भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है। तापमान की बात करें बदरीनाथ में पारा -16 डिग्री तक गिर गया है। तापमान लुढ़कने से पानी जमने लगा है। जिससे ऐसा लग रहा है, जैसे किसी ने कांच की आकृतियां रख दी हों। विभिन्न आकृतियां बनने से पानी की बूंदे शीशे जैसे चमक रहे हैं।
बता दें कि बदरीनाथ धाम में स्थित शेषनेत्र झील, ऋषि गंगा के झरने और बहता पानी जमने शुरू हो गए हैं। पारा गिरने से पानी फ्रीज हो गए हैं, जिसे देख कर ऐसा लग रहा है कि किसी ने शीशा रख दिया हो। जिसे देख लोग कुदरत की कलाकारी बता रहे हैं। अगर बारिश हुई तो तापमान में और गिरावट आ सकती है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की मानें तो इस साल दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक अत्यधिक ठंड पड़ने का अनुमान है। यानी इस बार सर्दी का सितम कुछ ज्यादा ही देखने को मिल सकता है। ऐसे में हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस बार सर्दी में तापमान सामान्य से 0.5-1 डिग्री कम हो सकता है।

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