-रोहित और अंजली ने तल्लानागपुर महोत्सव में बांधा समा
-प्रसिद्ध उद्योगपति कुलदीप रावत भी हुए महोत्सव में शामिल
-क्षेत्र को बताया
रुद्रप्रयाग। पांच दिवसीय तल्लानागपुर महोत्सव के चौथे दिन उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक रोहित चौहान व अंजली खरे के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही, जिसका दर्शकों ने देर सांय तक भरपूर लुत्फ उठाया। आज पुरस्कार वितरण के साथ महोत्सव का समापन होगा।
महोत्सव के चौथे दिन बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए प्रसिद्ध उद्योगपति कुलदीप रावत ने कहा कि तल्लानागपुर के पग-पग पर तीर्थाटन और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए भविष्य में कार्तिक स्वामी पर्यटन सर्किट से अन्य तीर्थ स्थलों को भी जोड़ने की सामूहिक पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इसलिए युवाओं को प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य कंडारा अजयवीर भंडारी ने कहा कि मेलांे के आयोजन से ग्रामीणों में सौहार्द बना रहता है। कार्यक्रम में स्वाभिमान मोर्चा के त्रिभुवन चौहान, जिला पंचायत सदस्य चोपता संपंन नेगी, शिला बमण गांव विमला देवी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा, चोपता सुनीता बर्त्वाल ने भी अपने विचार रखे। महोत्सव कार्यकारी अध्यक्ष योगम्बर कुनियाल ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में तल्लानागपुर महोत्सव को और भव्य बनाने की सामूहिक पहल की जायेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जाखणी सरोजनी देवी ने की तथा संचालन महोत्सव मीडिया प्रभारी लक्ष्मण बर्त्वाल व जयवीर नेगी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ गणेश वन्दना से किया गया तथा रोहित चौहान व अंजली खरे के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियांे ने देर सांय तक समा बांधे रखा। इस मौके पर जीत सिंह मेवाल, उपाध्यक्ष गोकुल लाल टम्टा, सचिव महेन्द्र नेगी, कोषाध्यक्ष दीप राणा, पंचम सिंह नेगी, भाजपा चोपता मंडल अध्यक्ष अर्जुन नेगी, महामंत्री दीपक नेगी, प्रधान आजाद खत्री, अखिलेश नेगी, साधना देवी, अंजना सजवाण, दुर्गा करासी, रणवीर फर्स्वाण, यशपाल सिंह नेगी, शंकर सिंह नेगी, चन्दन सिंह नेगी, विराट भट्ट, लवीश राणा, अरविन्द राणा, बृजमोहन नेगी, योगम्बर रावत, यशवंत बुटोला, हरेन्द्र राणा सहित महोत्सव समिति पदाधिकारी, सदस्य, जनप्रतिनिधि, स्थानीय व्यापारी, ग्रामीण मौजूद थे।
तीर्थाटन व पर्यटन के लिए रोजगार का अवसर
